यह किताब उन सभी के लिए जो अपने भारत और उसके तिरंगे से बेहद प्यार करते हैं। बहुत कम बार ऐसा होता है कि एक देश जो समृद्ध था, विरासत में उसके पास धन, दौलत, शौहरत, प्रतिष्ठा, परंपराएं थीं परंतु जो नहीं था वो थी एक मूलभूत चीज़, जो उसके परिचय के प्रतीक होने से कई अधिक थी। एक समय पर वह देश भारत था और जो नहीं था उसके पास वह था उसका राष्ट्रीय ध्वज। क्योंकि कभी किसी भारतीय को एक राष्ट्रीय ध्वज की आवश्यकता महसूस नहीं हुई, शायद तब तक जब तक अंग्रेजों ने कब्ज़ा नहीं कर लिया और भारत का बंटवारा करने लगे। और वही आज़ादी का प्रतीक है हमारा तिरंगा। हमारे वीर स्वतंत्रता सैनानियों का चिह्न है हमारा झंडा। कैसे एक तिरंगे ने सभी भारतीयों को एकजुट कर दिया ताकि वो अपने देश के लिए लड़ सकें ना कि अपने देशवासियों से, और साथ ही अपने झंडे, तिरंगे को हमेशा ऊंचा रखें, यह किताब उस ही देश एवं उसके तिरंगे के प्रेम की कहानी बतलाती है।